Sunday 26 August 2018

राखी (Rakhi) (RDHSir की हिंदी रचना)

आज रक्षाबंधन के पावन अवसर पर मेरे द्वारा दसवी कक्षा में पढ़ते वक्त ९ अगस्त २००६ को लिखी हुई १२ साल पुरानी रचना पेश हैं।
 राखी 
 रचनाकार: राजेश डी. हजारे 'आरडीएच'  
  
आया रे आया राखी का त्योहार आया
आया रे आया, भाई-बहन का प्यार उबर आया

लाया रे लाया, आँखों में आँसू लाया
भगवान ने सभी को बहना क्यों नहीं दिया

दिया रे दिया, राखी को दूसरा नाम दिया
राखी का दूसरा नाम रक्षाबंधन कहलाया

राखी का धागा रेशम का बनाया
रेशम का धागा बड़ा कहलाया

बहना ने भाई की कलाही पे राखी बाँध दिया
राखी पे लिखा था 'मेरे भैया'

दिया रे दिया, बहना ने राखी भेज दिया
राखी के साथ थी, ढेर सारी खुशियाँ

रचनाकार: © राजेश डी. हजारे 'आरडीएच'
आमगांव जि. गोंदिया
  • रचना की तारीख: ०९ अगस्त २००६, बुधवार (कक्षा दसवी)
  • (यह मेरी हिंदी में दुसरी ही रचना है। अतः बचपन में लिखी इस रचना में कुछ कमिया हो सकती है। कृपया स्वीकार करे।)

।।आप सभी को रक्षाबंधन के पावन अवसर पर ढेर सारी शुभकामनाएं।।

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Rajesh D. Hajare (RDHSir)
Founder, BookLysis by RDHSir.com
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